डिजिटल इंडिया के दौर में UPI पेमेंट हर किसी की ज़िंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है। छोटे से छोटे दुकानदार से लेकर बड़ी शॉपिंग तक, लोग कैश की जगह UPI का इस्तेमाल करना ज्यादा पसंद कर रहे हैं। लेकिन अब सरकार ने UPI से जुड़े नए नियम लागू कर दिए हैं, जो हर यूज़र को जानना बेहद जरूरी है।
नया नियम क्या है?
अगर आप भी रोज़ाना UPI से ज्यादा ट्रांजैक्शन करते हैं तो ये खबर आपके लिए है। नए नियम के अनुसार,महीने में 2000 से अधिक ऑनलाइन ट्रांजैक्शन करने वाले यूज़र्स पर टैक्स लगाया जाएगा।इसका मतलब है कि अगर आप बार-बार UPI पेमेंट करते हैं, तो आपको अतिरिक्त चार्ज देना पड़ सकता है।यह नियम उन लोगों के लिए है जो बिज़नेस या हाई-फ्रीक्वेंसी ट्रांजैक्शन UPI के जरिए करते हैं।
क्यों लगाया जा रहा है Tax?
सरकार के अनुसार,UPI का इस्तेमाल लगातार बढ़ रहा है और इससे बैंकिंग सिस्टम पर लोड बढ़ रहा है।फ्रॉड और मनी लॉन्ड्रिंग को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है।ज्यादा ट्रांजैक्शन करने वाले यूज़र्स से मिलने वाला टैक्स डिजिटल सिस्टम को और मजबूत करेगा।
आम यूज़र पर असर
जो लोग दिनभर में छोटे-छोटे पेमेंट करते हैं (जैसे सब्ज़ी, चाय, किराना), उन्हें घबराने की ज़रूरत नहीं है।टैक्स सिर्फ उन्हीं पर लागू होगा जो महीने में 2000 से अधिक UPI ट्रांजैक्शन करते हैं।साधारण यूज़र पहले की तरह फ्री और बिना चार्ज के UPI का लाभ उठा सकेंगे।
कैसे बच सकते हैं टैक्स से?
- 1. अगर संभव हो तो कुछ पेमेंट डेबिट/क्रेडिट कार्ड से करें।
- 2. बिज़नेस पेमेंट्स के लिए अलग पेमेंट गेटवे या बैंक ट्रांसफर का इस्तेमाल करें।
- 3. अपने मासिक UPI ट्रांजैक्शन पर नजर रखें ताकि लिमिट क्रॉस न हो।
निष्कर्ष:-UPI से जुड़ा यह नया नियम खासकर उन लोगों को प्रभावित करेगा जो हर महीने हजारों ट्रांजैक्शन करते हैं। आम जनता को घबराने की ज़रूरत नहीं है, लेकिन अगर आप बिज़नेस के लिए UPI इस्तेमाल करते हैं, तो ये अपडेट आपके लिए बेहद जरूरी है।